Sunday, August 7, 2011

सावन जाने को है

लब खामोश है,
मन विचलित है,
धड़कन भी तेज है आज,
पर सावन जाने को है,
काश एसा हो पता,
ये सावन न जाता,
कुछ दिनों के लिए ही सही,
ये ठहर जाता,
पर वक्त कहाँ थमता है,
उदास है मन,
ये सोचकर,
क्योकि सावन जाने को है,
एहसासों की उधेड़बुन है,
सांसों में ठहराव है,
मन में विस्तार है,
भावनाओ का समुन्दर है आज,
पर सावन जाने को है. 
 
 

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