Monday, October 18, 2010

चलो आज बात करते हैं

चलो आज बात करते हैं,
लोग क्या करते हैं,
चलो आज बात करते हैं !
सच्चाई कड़वी होती है,
फिरभी निसंकोच अड़ते हैं,
चलो आज बात करते हैं !
लफ्फाजी की बात नहीं है,
प्रश्न अनूठा है,
झुठ्ठो की औकात नहीं है,
फिरभी चापलूसियत झड़ते हैं,
चलो आज बात करते हैं !
बोला कुछ भी न था,
खोला मुह भी न था,
बस शुरुआत हुई थी,
फिरभी अड़ियल झगड़ते हैं,
चलो आज बात करते हैं !
निरंतर यैसा ही होता आया है,
जो बकता है वो मरता है,
फिरभी विचार उमड़ते हैं,
चलो आज बात करते हैं !

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