Saturday, July 9, 2011

धड़कते दिल का शोर


होती है जब बारिश
मन मचल ही जाता है
प्यार की फुहार से
मन भीग ही जाता है
भीगे हैं हम कितनी बार
...साथ-साथ
न वो शर्मिंदा हैं
न हम शर्मिंदा हैं
ये एहसास अब तक जिन्दा हैं
मिलते तो हम रोज़ थे
पर यादें चुनिन्दा हैं
तेज बारिश के शोर में
हम चलते रहे
पर धड़कते दिल का शोर
अब तक जिन्दा है

Saturday, July 2, 2011

फिरभी भीगते है

जब  लगतार  होती  है  बरसात ,
तो  याद  आ  ही  जाती  है ,
उन  पालो  की  जो  बीत  गए ,
उन  दोस्तों  की  जो  व्यस्त  हो  गए ,
कितने  अच्छे  थे  वो  दिन
...कल्लू  का  टपरा और  भीगते  हम ,
दोने   में  भजिये  लिए ,
गप्पें  हकते  हम ,
अब  न  वो  बातें  है ,
न  मुलाकाते  है ,
फिरभी  भीगते  है ,
अकेले  नहीं ,
हम  है  यादें  है ,
और  वो  रास्ता  जिस  पर  हम  चलते  जाते  है .

khoj

शाम होते ही खो जाना चाहता हूँ
खुद से दूर जाना चाहता हूँ
खुछ खो गाया है मेरा
उसे ढूढने बहुत दूर जाना चाहता हूँ
जिंदगी अब सवाल बन गयी है
इसलिए जवाब ढूढ़ना चाहता हूँ 
उलझनों से परेशान नहीं 
उन्हें  सुलझाने अब एकांत चाहता हूँ
मेरी बाते सुन हसते है लोग
माँ कहती है तू अब बड़ा हो गया है
इसलिए अब सयाना बनाना चाहता हूँ .